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Dard shayari collection, Mat puchh mere

1- मत पूछ मेरे सब्र की इन्तेहा कहाँ तक है;
तु सितम कर ले, तेरी ताक़त जहाँ तक है;
व़फा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगी;
हमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहाँ तक है!

2- पल पल उसका साथ निभाते हम;
एक इशारे पर दुनिया छोड़ जाते हम;
समुन्दर के बीच में पहुंचकर फरेब किया उसने;
वो कहता तो किनारे पर ही डूब जाते हम।

3- हमनें अपनी साँसों पर उनका नाम लिख लिया;
नहीं जानते थे कि हमनें कुछ गलत किया;
वो प्यार का वादा करके हमसे मुकर गए;
ख़ैर उनकी बेवाफाई से हमनें कुछ तो सबक लिया!

4-आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए;
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए;
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो;
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा!

5-न वो आ सके न हम कभी जा सके! न दर्द दिल का किसी को सुना सके! बस बैठे है यादों में उनकी! न उन्होंने याद किया और न हम उनको भुला सके!

6-कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ; गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ; रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू; मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ।

7-इस दुनियाँ में सब कुछ बिकता है, फिर जुदाई ही रिश्वत क्युँ नही लेती? मरता नहीं है कोई किसी से जुदा होकर, बस यादें ही हैं जो जीने नहीं देती..

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