1. कैसे तुमसे भला किनारा हो
तुम मोहब्बत का इस्तियारा हो
तुम से होगा यह मेरा वादा है
इश्क़ मुझको अगर दोबारा हो
2.सरे राह जो उनसे नज़र मिली
तो नक्श दिल के उभर गए
हम नज़र मिला कर झिजग गए
वो नज़र झुका कर चले गए
3. कितना प्यार है उनसे काश वो ये जान लें
वो ही है ज़िंदगी मेरी ये बात मान लें
उनको देने को नहीं कुछ पास हमारे
बस एक जान है हमारी जब चाहे मांग लें
4. मौत के पास जा कर भी देखा है,
मैंने दिल लगा कर भी देखा है|
चाँद को लोग दूर से देखते है,
मैंने चाँद को पास बुला कर भी देखा है|
इश्क़ की कीमत पूछ लो मुझ से,
मैंने घर तक लुटा कर भी देखा है|
प्यार तो भीख में भी मिल जाता है,
मैंने तो दामन को भी फैला कर देखा है|
एक शख्स है जो भूलता नहीं मुझसे,
मैंने तो सारी दुनिया को भुला कर भी देखा है|
5. दिल की आवाज़ को इज़हार कहते हैं ,
झुकी निगाह को इक़रार कहते हैं ,
सिर्फ पाने का नाम इश्क़ नहीं ,
कुछ खोने को भी प्यार कहते हैं