तेरे जलवों का मुझपें ऐसा असर हो गया, दीन-ओ-दुनिया से मैं बेख़बर हो गया सूझता कुछ भी नहीं मुझको बस तेरे सिवा तु ही मंज़िल और तू ही हमसफ़र हो गया ....!!!