सुना है आज उस की आँखों मे आसु आ गये..!!
वो बच्चो को सिखा रही थी की मोहब्बत ऐसे लिखते है..!!
वो बच्चो को सिखा रही थी की मोहब्बत ऐसे लिखते है..!!
घायल किया जब अपनो ने, तो गैरो से क्या गिला करना,
उठाये है खंजर जब अपनो ने, तो जिंदगी की तमन्ना क्या करना|
उठाये है खंजर जब अपनो ने, तो जिंदगी की तमन्ना क्या करना|
न रूठ जाओ तुम मेरी वफाओं से,
मै खुद मना लूंगा तुम्हे दुआओं से।
मै खुद मना लूंगा तुम्हे दुआओं से।
हम भी बडे रहीश थे दिल कि दौलत लूटा बैठे,
किस्मत एेसी पलटी ईश्क के धधे मे आ बैठे|
किस्मत एेसी पलटी ईश्क के धधे मे आ बैठे|
नाकाम थीं मेरी सब कोशिशें उस को मनाने की,
पता नहीं कहां से सीखी जालिम ने अदाएं रूठ जाने की।
पता नहीं कहां से सीखी जालिम ने अदाएं रूठ जाने की।
हौसला रखो उसे मनाने का,
वो रूठ जाता है इसी बहाने से|
वो रूठ जाता है इसी बहाने से|
बड़ी मुश्किल से सुलाया है ख़ुद को मैंने..
अपनी आँखों को तेरे ख़्वाब क़ा लालच देकर|
अपनी आँखों को तेरे ख़्वाब क़ा लालच देकर|
उसने पुछा जिंदगी किसने बरबाद की,
हमने ऊँगली उठाई और अपने ही दिल पर रख ली |
हमने ऊँगली उठाई और अपने ही दिल पर रख ली |
ऐ शेख़ मेरे पीने का अंदाज़ देख,
अक्सर शराब में आंसू मिला के पीता हूँ|
अक्सर शराब में आंसू मिला के पीता हूँ|
कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना,
मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी…
मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी…